सहसा ठिठक गए पावँ
देख सामने एक नाव
एक वृद्ध को को तमाम बच्चो के साथ
करते देख अटखेलिया
करते गलबहिया
अरे ये तो वही है
जिसे मेंटल अस्पताल में
देखा था कुछ महीने पहले
चीखते जोर जोर से
पूछने पर नर्से ने बताया
हाल कुछ इस तरह सुनाया
इसके दोनों बेटें निकट भूत में
सीमा पर हो गए शहीद
नाम इसका है अब्दुल वाहिद
पत्नी पहले ही चल बसी थी
यही इनकी आखिरी उम्मीद बची थी
इसी सदमे ने कर दिया इसे पागल
सुन मन हो गया बेकल
दिल दहल उठा था
मैं मौन निस्तब्ध बस
उसे ही देखे जा रहा था
अंत में संवेदना व्यक्त करते
साथ लाये फलो को
उसे ही अर्पित करते
अपने मरीज को देख
मैं बाहर हो गया था
समय के साथ उस घटना को
भी भूल गया था
पर आज वह घाव
पूजने के बजाय हरी हो गयी
आंखे पुनः भर गयी
मुझे लगा की शायद
वह पूरा पगला गया था
क्योकि जिसे देखा था
भीषण दुःख और अवसाद से ग्रसित
वह तो खुल कर आज हस रहा था
जिज्ञासवास मैं उसके करीब आया
उसका देख व्यवहार आंख भर आया
मैंने कहा चाचा आप कैसे है
बोला पहले से बेहतर है
बच्चो के जाने के बाद
जीवन में भर गया था अवसाद
एकबारगी लगा था
जीवन हो गया समाप्त
पर अंतर्मन में जो शक्ति थी व्याप्त
उससे मुझे मिले निर्देश
जीवन में करने है अभी और कुछ शेष
पुनः एक दृढ संकल्प के साथ
तैयार हो गया जीवन से करने दो दो हाथ
बेशक मैंने अपने दो लाल है खोये
पर हमारे पारम्परिक मूल्य
वसुधैव कुटुम्बकम ने
ये अनेक लाल है मुझको दिए
बेटा अब इन अनाथ बच्चो की
देखभाल करता हूँ
अपने पेंसन के सभी पैसे
इन्ही पर खर्च करता हूँ
देश पर मर मिटने हेतु
इन्हें ही प्रेरित करता हूँ
ताकि इन्हें रोजी रोटी के साथ साथ
देश की सेवा का अवसर भी मिल सके
बेटा यह इस देश का है पराक्रम
जहाँ लाइन लगाकर
फौज में भर्ती होकर
जान देना ही है इन कर्णधारों का
प्रारब्ध और उपक्रम
देश की वर्तमान स्थिति से तो
आप हो ही परिचित
इन नेताओं और नौकरशाहों से
हो नहीं आप अपरिचित
देश कैसे रहेगा सुरक्षित सत्रुओं से
इन्हें तो फुर्सत है नहीं
अपनी जेबे भरने से
मची है चारों ओर जो मारा मारी
ऐसे परिवेश में मेरा
छोटा सा प्रयास रहेगा जारी
मरना तो सभी को है ही एक दिन
कम से कम ये देश को बचायेगे
इस आर्यावर्त के इतिहास को दोहरायेगे
अपलक खामोश मैं
उस वृद्ध को देख रहा था
उसके जीवन का फलसफा
समझने का प्रयास कर रहा था
देख रहा था उसके जीवन की
कामना और लालसा
वेदना से नवोन्मेष की शिखर यात्रा
उसके जीवन की जिजिविषिका को
अपने से कम्पयेर कर रहा था
उसके सामने अपने को
बहुत ही तुक्ष
महसूस कर रहा था
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