पापा आज शाम तक मुझे
मेरा विडिओ गेम मिलेगा
बन्दा तभी कल स्कूल के लिए हिलेगा
बिंदास कहते मै
बैग लेकर
स्कूल के लिए चला गया
पापा के लिए एक नई चिंता छोड़ गया
एकलौता होने से
जिद मेरे नाक पर रहती थी
प्राइवेट फर्म में कार्यरत
पापा के कम आय की
मुझे कोई फिकर नहीं थी
हर मांग पूरी होने से
एक नई मांग
पुनः पैदा हो जाती
पापा कैसे
पूरे परिवार के खर्च के साथ
उसे पूरा करते थे
इसकी मुझे उस समय तक
तनिक भी खबर नहीं होती
शाम को पापा के हाथ में
एक पाया
ख़ुशी से छीन कर उसे
मै चिल्लाया
लेकर बाहर दोस्तों को
दिखाने भगा
दोस्तों को न पाकर
मायूस मै घर लौट आया
बैठक में मम्मी को
पापा से कहते सुना
आप दिन रात इतना मेहनत करते है
जान देकर ओवरटाइम करते है
तब जाकर किसी तरह
सबके पेट भरते है
आपके पास बस
दो शर्ट और दो जोड़ी जुराबे धरी है
ऊपर से सब फटे पड़ी है
व्यर्थ ही पप्पू की जिद
पूरा करने में परेशान रहते है
जो की समाप्त होने की जगह
नित नए बढ़ते है
पापा चेहरे पर एक मायूस फीकी
हंसी लाते हुए बोले
भाग्यवान बच्चा है
चलो कभी तो समझेगा
बचपन उसके जीवन में
दुबारा क्या पनपेगा
मेरा क्या सर्दी का सफ़र है
जुराबे जूते के और
शर्ट स्वेटर के अन्दर है
फिर कभी बन जायेगा
पर पप्पू का बचपन
दोबारा कहाँ से आयेगा
मम्मी पापा की इस
मर्मश्पर्शी वार्ता ने
मुझे हिला कर रख दिया
एकाएक मेरे ज्ञानेन्द्रियों को
जगा कर रख दिया
मै दौड़ कर पापा के
सीने से लग गया
सुबकते हुए कहा
पापा इसे अभी जाकर
वापस कर आओ
अपने लिए पहले एक जोड़ी
जुराबे और एक शर्ट लाओ
कहते कहते मै
फूट फूट कर रो पड़ा
तभी पापा का स्नेह्सिंचित हाथ
मेरे सर पर पड़ा
बोले नहीं बेटा
दोषी तो मै हूँ
जो कि अपने बेटे की
एक छोटी सी मांग भी
पूरी करने में अक्षम हूँ
तुम्हारे प्रतिरूप में मैंने
अपने बचपन को देखा है
कोई कुछ भी कहे पर
तू तो मेरा
राजा बेटा है
निर्मेश