बुधवार, 6 नवंबर 2013

गमछा

पिछले 
एकमाह से 
रामेदव जी तोड़ 
मेहनत  कर रहा था 
दीपावली के रंग रोगन के 
बाजार का भरपूर 
फायदा  उठाने में 
लगा था 

दिन में मजदूरी 
रात में डिस्टेंपर पेन्ट का काम 
कर रहा था एक के बाद 
एक का काम तमाम 
कमाए गए पैसो को 
गमछे में बाध  कर 
कमर के फेटे में रखता जाता
साथ ही गाँव में अपने सपने को 
सजोता जाता 

इस बार तो वह 
पत्नी के गहने छोड़वा कर ही रहेगा 
जिसे बापू कि तेरहवी के लिये 
मजबूरन गिरवी रखा था 
बच्चो के किस्म किस्म के 
पटाखों कि मांग को 
याद  करता जाता  
पत्नी व बच्चो के लिए 
कपड़ो एके बारे में भी सोचता जाता 
तल्लीनता से अपने काम को 
अंजाम दे रहा था 
हालाकि घर से कई बार 
बुलावा आता  रहा 
सेहत को ध्यान में रख 
काम करने का सुझाव 
माँ और पत्नी से 
लगातार पाता रहा 
वह अपने काम में मगन 
खुद को समझाता 
दीपावली के एक दिन पूर्व  तक 
काम करने का मन बनाता रहा 

दीपावली के एक दिन पहले 
आरिफ मियां के घर 
बालू गिर रहा था 
वह घर जाने  के लिए तैयार 
लगभग मुझसे मिलने आया था 
सहसा कह बैठा कि 
भैया एका भी ठीका दिला  दो 
तो हमरा घर जाये का भाड़ा 
भी निकल जाइये 
भले ही शाम कि गाड़ी से 
हम घर चला जइबे 

हमने उसे 
झिड़कते हुए समझाया 
पर उसके कोमल तर्कों पर विवश 
आरिफ से कह उसे उस बालू को 
ढोने का ठीका दिलवाया 

सर पर गमछा बांध 
उसने शाम तक उस काम को 
फुर्ती से निपटाया 
अपनी मजदूरीको पुनः 
गमछे के साथ फेटे में बांध 
स्टेशन को ओर ख़ुशी से 
चल दिया 

गाड़ी के चार घंटे 
लेट का एलान हुआ 
उसने पास कि बेंच पर 
आराम करने का सहसा 
मन बना लिया 
चाय और बिस्कुट का डिनर ले 
थका रामेदव 
स्टेशन की बेंच पर लेट गया 
थोड़ी ही देर में 
बेसुध सपने देखते 
नीद के आगोश में हो गया 

तभी चारो और 
चोर चोर पकड़ो पकड़ो  की 
तेज आवाज सुन 
वह अधकचरी नीद से जागा 
अपनी जगह से उठकर 
भयवश वह तेजी से भागा 
वर्दीधारियों में से एक ने 
उसे ही दौड़ कर पकड़ा 
वह कुछ कहता 
उसके पूर्व हे एक 
जोर का तमाचा जड़ा 
साले  चोरी कर 
कहा है भागता 

वह लाख समझाता रहा 
पर उनके तर्कों को 
दरकिनार कर 
तलाशी के नाम पर 
उसके फेटे का सब 
रकम जाता रहा 
ऊपर से चाँद थप्पड़ो के साथ 
गाली घेलुए में पाता रहा 

अंत में सुबह की 
समाचार का वह न्यूज बना 
चोर सिपाही का वास्तविक 
खेल खेलते हुए रामदेव  
अपने गमच्छे से ही 
स्टेशन कि रेलिंग पर 
सदा के लिए लटक कर 
खामोश होगया 

साथ ही वर्त्तमान 
व्यवस्था पर 
एक ओर जहाँ वह एक 
प्रश्नचिह्न छोड़ गया 
वही अपनी पत्नी और बच्चो को 
व्यवस्था से प्रतिशोध लेते हुए 
अनाथ कर गया 

निर्मेष 

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