गुरुवार, 31 जुलाई 2014

आम आदमी

प्रचंड  पुरवैया से 
नाव भयंकर  हिचकोले 
ले रहा था 
नाव में क्षमता से ज्यादा 
बैठे यात्रियों का कलेजा 
रह रह कर मुँह को
रहा था 

सभी शान्त 
मन ही मन ईश्वर से 
इस आकस्मिक आपदा से 
मुक्ति हेतु प्रार्थना कर रहे थे 
एक दूसरे को 
असफल दिलासा देने का 
प्रयास कर रहे थे 

तभी नाविक ने कहा कि 
यदि हममें में से कोई एक 
नदी में कूद  जाये 
तो बैलेंस ठीक होकर 
हम सभी की जान 
बच जय 

कोई इंजीनियर तो को डॉक्टर 
कोई वकील तो कोई ओवरसियर 
कोई उद्योगपति  तो कोई नेता 
कोई खिलाड़ी तो कोई अभिनेता 
सबने समाज के प्रति अपने 
कर्तव्यों की दुहाई देकर 
किनारा कर लिया 
तभी कोने में बैठे एक 
आम आदमी पर सबका 
ध्यान गया 
एकस्वर में सबने कहा कि 
इस पुनीत बलिदान को 
अब आपही अंजाम दीजिये 
हम सबकी इस समाज को 
बहुत आवश्यकता है 
आप ही सबकी जान 
बचा लीजिये 

वह बोला
वाह  भई वाह 
जब हमी नहीं रहेंगे तो 
किसके प्रति आप अपने 
कर्तव्यों को पूरा करेंगे 
दुहाई दे रहे दायित्वों को 
किसके लिए निभाएंगे 
यह कह कर उसने भी 
कूदने से इंकार कर दिया 
पूरे नाव में निराशा के साथ 
अवश्यमेव मौत का 
सन्नाटा छा गया 

तभी सबकी नजरें 
नाव के दूसरे कोने में बैठे 
एक संभ्रांत से दीखते 
नेता पर गयी 
उनको खड़ा होते देख 
सबके आँखों में एक 
उम्मीद की किरण 
जग गयी 
उनके संभावित बलिदान 
के बारे में सोच कर 
सबकी आँखे भर गयी 

नेताजी खड़े तो हो गए 
पर शीघ्र ही अपनी ओजस्वी 
शैली में अपनी असल 
औकात पर गए 
स्वतंत्रता संग्राम से लगायत 
कारगिल विजय तक के 
शहीदों  का हवाला दिया 
सबका देश के नाम पर 
बलिदान होने का पुनः 
आह्वाहन किया
स्वयं भी धीरे धीरे 
सदरी उतारकर 
कुर्ता उतारने लगा 

यह सब देख कर 
आम आदमी का मन 
एक बार फिर पसीज चला 
बेचारे का गर्म खून 
तुरन्त उबाल के साथ 
ताव  खा गया 
बिना सोचे समझे 
सवस्त्र ही नदी में कूद गया 
अनजाने में देश के उन 
तथाकथित कर्णधारों को 
देश सेवा हेतु 
छोड़ गया 

निर्मेष  


बुधवार, 23 जुलाई 2014

चालान

सर सर 
आपने मुझे ही क्यों पकड़ा 
इतने लोग तेजी से 
चले जा रहे है 
उनपर आप ध्यान 
नहीं दे रहे है 

चुप रहो 
ट्रैफिक हवलदार मै हूँ 
कि तुम 
यह कौन डिसाइड करेगा 
किसे पकड़ना है 
किसे छोड़ना है 
मै कि  तुम 

ये सब साले 
इतनी तेजी से भागे जा रहे है 
मानो नंबर दो से  परेशान  है 
पर टैफिक नियम की 
वही सब तो धज्जियाँ 
उड़ा रहे है 

अरे यार 
कब समझोगे तुमसब 
इन्हे पकड़ कर 
अपनी जान देनी है क्या 
चाहता है हमें भी 
आसान टारगेट 
लक्ष्य पूरा कर 
बचाना है अपना मार्केट 
इसलिए फॉरगेट 
चलो निकालो 
दिखाओ अपने कागजात 
अपडेट 

हतप्रभ मै 
डिग्गी खोल रहा था 
मेरे सामने ही सैकड़ो वाहनो का 
काफिला सरपट जा रहा था 
जबकि मै सामान्य गति से 
ट्रैफिक नियमो के अनुसार 
कार्यालय की ओर 
अग्रसर था 

रास्ते में आये 
स्पीड ब्रेकर को धीमी गति से 
क्रॉस करने का प्रयास 
कर रहा था 
और तभी इनका शिकार 
बन गया था 

सब कागज 
मय हेलमेट के सही 
होने के बाद भी 
दो दिन पहले ही 
एक्सपायर हो चुके 
इन्शुरन्स के एवज में 
अपना चालान 
कटवा रहा था 
जबकि इसी के लिए आज 
रास्ते में रहते हुए 
एजेंट से मिलने हेतु 
कार्यालय के लिए मै 
थोड़ा जल्दी ही 
निकल पड़ा था 

निर्मेष